अपराध एक ऐसा शब्द है, जो समाज में अराजकता लाकर कानून व्यवस्था को खराब करने की कोशिश करता है। हत्या, बलात्कार, चोरी, डकैती- ये सभी अपराध हमारे जीवन में भय और असुरक्षा पैदा करते हैं। इसलिए किसी भी सरकार के लिए अपने नागरिकों की सुरक्षा के लिए अपराधों का सफाया करना बेहद ज़रूरी है। हालांकि यह एक जटिल प्रक्रिया है, लेकिन सरकार अपराधों को रोकने और पीड़ितों को न्याय दिलाने के लिए कई तरह के उपाय कर सकती है। जो कि राजस्थान की पिछली सरकार नहीं कर सकी और उसे सत्ता से हाथ धोना पड़ा। परन्तु मिस्टर सीएम सर के नेतृत्व में भजनलाल सरकार ने 5D फोकस के साथ इस दिशा में अहम निर्णय लिए हैं।
यह हमारी धरती को दुष्प्रभावों से बचाकर हमारे जीवन को सुरक्षित रखता है। आइए, क्लाइमेट चेंज से कमजोर हुए पर्यावरण की सार-संभाल करके इसके प्रति अपनी परवाह प्रकट करें।
बेहतर कानून व्यवस्था व अपराध नियंत्रण के सम्बन्ध में मिस्टर सीएम भजनलाल ने ली पुलिस सेवा के उच्च अधिकारियों की बैठक
गहलोत अपने शासनकाल में न तो पुलिस, अदालतों और जेलों को मजबूत कर पाए और न ही सामाजिक असमानता, भेदभाव और हिंसा जैसे अपराध के मूल कारणों को दूर करने के लिए नीतियां बना सके। न उन्होंने लोगों को अपराधों के खिलाफ जागरूक करने के लिए अभियान चलाए और न ही उन्हें अपराधों की रिपोर्ट करने के लिए प्रोत्साहित किया। उन्होंने बस इतना किया कि एनसीआरबी के आंकड़ों को झूठा बताने के लिए हर मंच और हर सभा से लोगों को भ्रमित करने का काम किया। गहलोत राज में महिला अपराध देश में सर्वाधिक थे। पूरे प्रदेश में गैंग वॉर्स हो रही थीं। जातिगत हिंसा हो या धार्मिक उन्माद, गहलोत प्रदेश में कानून व्यवस्था बनाए रखने में नाकाम रहे। लेकिन सीएम भजनलाल ने सरकार बनते ही अपराध नियंत्रण की दिशा में कार्य करना शुरू कर दिया और बड़े एवं सख्त निर्णय लिए।
मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा अपने सख्त निर्णयों के कारण बने राजस्थान के पॉवरफुल मुख्यमंत्री, मुख्यमंत्री का कार्यालय में फोटो
भजनलाल शर्मा ने मुख्यमंत्री बनते ही जनता को यह बता दिया कि मुख्यमंत्री का पावर क्या होता है। अपराध नियंत्रण सीएम सर के 5D फोकस मॉडल का प्रमुख हिस्सा रहा है। मिस्टर सीएम सर ने सत्ता संभालते ही अपराध के सफाए के लिए कई अहम फैसले किये, जिन्में एंटी गैंगस्टर टास्क फोर्स का गठन मील का पत्थर साबित होने वाला निर्णय बना। इस टास्क फोर्स ने गठित होते ही राज्य में अपराधियों को दौड़ा दौड़ा कर पकड़ा। फोर्स की पकड़ में आए - सोशल मीडिया पर बदमाशों को फॉलो करने वाले 192 लोग - 1046 हार्डकोर व हिस्ट्रीशीटर - गत पांच वर्ष में आर्म्स, एनडीपीएस और फायरिंग घटनाओं के चालान शुदा 1431 आरोपी - गत पांच वर्ष में फायरिंग, आर्म्स व एनडीपीएस के दर्ज प्रकरणों के 74 वांटेड - भूमाफिया, शराब माफिया व संपत्ति संबंधी अपराधों में चालान शुदा प्रकरणों में 259 बदमाश - भूमाफिया, शराब माफिया व संपत्ति संबंधी अपराधों में चालान शुदा 2749 के खिलाफ निरोधात्मक कार्रवाई की इनके अलावा स्थाई वारंटी व अन्य मामलों में कार्रवाई की गई।
मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा द्वारा कानून व्यवस्था की समीक्षा बैठक, कानूनी मुद्दों जैसे एंटी-गैंगस्टर टास्क फोर्स, SIT आदि के सम्बन्ध में चर्चा
एंटी-गैंगस्टर टास्क फोर्स द्वारा प्रदेश में बदमाशों के 22,419 ठिकानों पर दबिश देने के लिए 26,117 पुलिसकर्मियों की 6,904 टीमों का गठन किया गया था। प्रदेशभर में 116 आपराधिक प्रकरण भी दर्ज किए गए। टास्क फोर्स का मुख्य उद्देश्य रंगदारी, वसूली व फिरौती मांगने वाले, बड़े मादक पदार्थ, शराब, हथियार तस्कर व मानव तस्करी करने वालों के खिलाफ कार्रवाई कर राज्य में सुरक्षा का माहौल बनाना है। जिस जिले में जिस तरह के अपराधी सक्रिय होते हैं, उन्हीं के खिलाफ सख्ती से कार्रवाई करने का अभियान चलाया जाता है। निष्कर्ष यह निकलता है कि मिस्टर सीएम भजनलाल शर्मा के मुख्यमंत्री बनने के कुछ ही महीनों में राज्य की कानून व्यवस्था सिर्फ बेहतर ही नहीं हुई है, बल्कि राजस्थान में राम राज की स्थापना होती जा रही है।
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