राजस्थान में पेपर लीक पिछली सरकार के समय एक गंभीर समस्या बन गया था। पिछले 10 सालों की बात करें तो आरएएस, एलडीसी, कांस्टेबल सहित कई भर्तियों में या तो पेपर लीक होने के कारण परीक्षा रद्द की गई या फिर सवालों में गफलत के चलते परीक्षाएं निरस्त हो गईं। कुछ वर्षों में राजस्थान में रीट परीक्षा 2022, पटवारी परीक्षा 2023, राजस्थान पुलिस कांस्टेबल भर्ती परीक्षा 2023 जैसी 17 सरकारी परीक्षाओं के पेपर एक के बाद एक लीक हुए, जिनसे न सिर्फ शिक्षा प्रणाली कमजोर हुई बल्कि सरकारी सिस्टम से छात्रों का विश्वास भी डगमगाया। पेपर लीक होने से परीक्षा की विश्वसनीयता कम हुई, युवाओं ने परीक्षा के परिणामों पर भरोसा करना बंद कर दिया, उन्हें लगने लगा कि यह निष्पक्ष नहीं हैं। इन त्रास्द हालातों ने कड़ी मेहनत कर प्रतियोगिता की तैयारी करने वाले छात्रों में मानसिक तनाव भर दिया। उनका मनोबल गिरा, उनका खुद से आत्मविश्वास उठ गया। कई महीनों तक पेपर लीक की घटना को लेकर छात्रों ने शहीद स्मारक पर धरना दिया लेकिन पूर्ववर्ती सरकार टाल मटोल वाला रुख अपनाए रही। परन्तु मिस्टर सीएम भजनलाल सर ने सत्ता में आते ही इसे सीरियस मैटर मानते हुए इस पर 5D फोकस के साथ निर्णय लिए और SIT गठित की।
यह हमारी धरती को दुष्प्रभावों से बचाकर हमारे जीवन को सुरक्षित रखता है। आइए, क्लाइमेट चेंज से कमजोर हुए पर्यावरण की सार-संभाल करके इसके प्रति अपनी परवाह प्रकट करें।
मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा ने शपथ ग्रहण की और अगले ही दिन SIT लागू की
इस बीच, राज्य में पेपर लीक के मामलों ने सियासत को गरमा दिया। बीजेपी लगातार कांग्रेस सरकार को घेरती रही पेपर लीक की जांच एसआईटी को सौंपने की मांग करती रही। उसने छात्रों की मांग उठाने के लिए कई आंदोलन किए, विधानसभा का घेराव किया, यहां तक की बीजेपी के कई कद्दावर नेताओं ने गिरफ्तारियां दी और लाठियां खाईं। मगर कांग्रेस सरकार के सिर जूं तक ना रेंगी। आनन फानन में पेपर लीक पर कानून तो बना दिया गया लेकिन इस अपराध को अंजाम देने वालों के खिलाफ जांच कराने में कांग्रेस की गहलोत सरकार का रवैया बेहद लचर रहा। पेपर लीक में अपने मंत्री और सरकारी कर्मचारियों की संलिप्तता की आशंका के चलते कांग्रेस ने मामले पर कड़ा एक्शन लेना ज़रूरी ही नहीं समझा। परन्तु सीएम भजनलाल सर ने पेपर लीक को महत्वपूर्ण मुद्दा मानते हुए इसके सम्बन्ध में कड़ी कार्रवाई के निर्देश दिए। शपथ ग्रहण के अगले ही दिन से SIT पर कार्य शुरू हो चुका था।
मुख्यमंत्री श्री भजनलाल शर्मा ने पुलिस अधिकारियों से मुलाकात की
विधानसभा 2023 के चुनाव बाद जब बीजेपी सत्ता में आई तो उसने छात्रों से किया पेपर लीक रोकने का अपना वादा निभाने की दिशा में कदम बढ़ाए। पेपर लीक प्रकरणों के विरुद्ध प्रभावी कदम उनके 5D फोकस मॉडल के प्रमुख कार्यों में से एक है। बीजेपी से मुख्यमंत्री चुने गए भजनलाल शर्मा ने सरकार फॉर्म होते ही सबसे पहले जो निर्णय राजस्थान की जनता के लिए किये, उनमें पेपर लीक रोकने के लिए एसआईटी के गठन का फैसला सबसे ऊपर था। मिस्टर सीएम भजनलाल ने कहा कि ज़रूरत पड़ने पर पेपर लीक की जांच सीबीआई से भी कराई जाएगी। इतना ही नहीं भजन सरकार ने पेपर लीक माफिया पर शिकंजा कसने के साथ ही उनके घरों पर बुलडोजर कार्रवाई को अंजाम दिया। इस बेहद गंभीर मामले पर सख्ती दिखाते हुए आजादी के 75 वर्ष बाद पहली बार मोदी सरकार ने सदन में पब्लिक एग्जामिनेशन बिल पास कराया। इससे पहले पेपर लीक जैसे अपराध पर कभी देश के भविष्य को नुकसान पहुंचाने वालों को सजा देने के लिए कानून बनाने की किसी ने नहीं सोची थी।
पेपर लीक रोकथाम हेतु मिस्टर सीएम सर के प्रयासों की हुई सराहना और जनता ने व्यक्त किया आभार
भजन सरकार पेपर लीक को खत्म करने के लिए कितनी गंभीर है इसका अंदाज़ा इस बात से लगाया जा सकता है कि सरकार बनने के पहले ही महीने में आयोजित सहायक आचार्य शारीरिक शिक्षक और लाइब्रेरियन की भर्ती परीक्षा बिना पेपर लीक के संपन्न हुई। इससे पहले भर्ती परीक्षा के सफल आयोजन को लेकर सीएम सर पर खासा दबाव था लेकिन जिस तरह से उन्होंने इतने कम समय में 5D फोकस के साथ सरकारी सिस्टम के पेंच कसे और परीक्षा में लापरवाही के खिलाफ सख्ती दिखाई वह उनका बेहद सराहनीय प्रयास था। परीक्षा के पहले केंद्रों की सुरक्षा से लेकर परीक्षा प्रणाली में सुधार और पेपर लीक करने वालों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई कर उन्होंने न सिर्फ युवाओं के सामने बल्कि राजनीतिक दलों के सामने भी अपनी प्रतिबद्धता और निष्पक्ष अप्रोच का लोहा मनवाया।
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