पूर्वी राजस्थान नहर परियोजना राजस्थान की वह महत्वाकांक्षी परियोजना है जिसने चुनौतियां भी देखीं तो कानूनी पैंतरे भी, राजनीतिक मुद्दा बनी और आखिरकार राष्ट्रीय परियोजना बनने की ओर भी अग्रसर है। प्रदेश के नवनिर्वाचित मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा जो कि राजस्थान के लिए भागीरथ साबित हुए हैं ने सत्ता में आते ही वह काम कर दिखाया जो बड़े बड़े दिग्गज नहीं कर पाए। अपनी राजनीतिक समझ, अनुभव और परिपक्वता के बल पर मिस्टर सीएम सर ने 20 साल पुराने पानी के विवाद को सुलझाकर नदियों को जोड़ने के पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपयी के सपने को पूरा करने की दिशा में बड़ा अहम रोल निभाया है। कम समय में इस प्रकार के महत्वपूर्ण निर्णय लेना सीएम सर के 5D फोकस मॉडल की पहचान है।
यह हमारी धरती को दुष्प्रभावों से बचाकर हमारे जीवन को सुरक्षित रखता है। आइए, क्लाइमेट चेंज से कमजोर हुए पर्यावरण की सार-संभाल करके इसके प्रति अपनी परवाह प्रकट करें।
संशोधित ईआरसीपी को लेकर राजस्थान, मध्य प्रदेश एवं
हाल ही में मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री के साथ बैठक कर मिस्टर सीएम सर ने सालों पुराने विवाद को सुलझाकर राजस्थान की जनता को खुशियों की सौगात दी है। उन्होंने उस परियोजना को धरातल पर उतारने का काम किया है, जिसका वादा प्रधानमंत्री प्रदेश की जनता से कर के गए थे। साथ ही उन्होंने विपक्षियों को यह भी बता दिया है कि जिसका शिलान्यास हम करते हैं, उसका उद्घाटन भी हम ही करते हैं। अब जल्द प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ईआरसीपी के काम को शुरू करने का श्री गणेश करेंगे। उससे पहले कुछ बातें यहां जान लेना ज़रूरी हैं कि आखिर ईआरसीपी राजस्थान के लिए इतनी महत्वपूर्ण क्यों है? दरअसल ये परियोजना राज्य के 21 जिलों को पानी की कमी से निजात दिलाने वाली है। ये परियोजना पूर्वी राजस्थान को न केवल पेयजल के लिए पानी प्रदान करेगी, बल्कि सिंचाई, उद्योग और अन्य उपयोगों के लिए भी पानी उपलब्ध कराएगी। इस परियोजना से 2.80 लाख हेक्टेयर क्षेत्र में सिंचाई होगी। करीब 25 लाख किसान इससे लाभान्वित होंगे और किसानों की आय में सुधार होगा। प्रदेश की 40 प्रतिशत आबादी को पेयजल उपलब्ध होगा, जिससे उनके स्वास्थ्य में सुधार होगा और जीवन स्तर में वृद्धि होगी। साथ ही पूर्वी राजस्थान में उद्योग और पर्यटन को बल मिलेगा। लोगों को रोजगार मिलेगा, जिससे राज्य की अर्थव्यवस्था को गति मिलेगी। इस परियोजना से भूमिगत जल स्तर में भी वृद्धि होगी और मिट्टी की उर्वरता में सुधार होगा।
मिस्टर सीएम भजनलाल शर्मा एवं केंद्रीय जल शक्ति मंत्री द्वारा ईआरसीपी मानचित्र की समीक्षा
ईआरसीपी भारत की सबसे बड़ी नहर परियोजनाओं में से एक है। पूर्ववर्ती वसुंधरा राजे सरकार ने 2016 में परियोजना की परिकल्पना की थी। लेकिन सबसे ज़्यादा राजनीति भी इसी परियोजना पर हुई है। कांग्रेस की गहलोत सरकार ने इसे चुनावी मुद्दा बनाने में कोई कोर कसर बाकी नहीं छोड़ी। अशोक गहलोत ने ईआरसीपी धरातल पर न उतरे, इसके हर संभव प्रयास किए। उन्होंने 50 प्रतिशत निर्भरता के साथ ईआरसीपी की डीपीआर तैयार करने का आदेश दिया था, जो राष्ट्रीय परियोजना मानकों के अनुरूप नहीं था, क्योंकि राष्ट्रीय दिशा-निर्देशों के अनुसार 75 प्रतिशत निर्भरता के साथ परियोजना को योजनाबद्ध किया जाना चाहिए था। यहां तक की मप्र के तत्कालीन कांग्रेस सरकार के मुख्यमंत्री कमलनाथ ने भी एनओसी नहीं दी। कमलनाथ सरकार ने अशोक गहलोत को पत्र लिख कर इसे एमपी के हितों के विपरीत बताया था। उस दौरान एमपी सरकार ने 50 फ़ीसदी डिपेंडेबिलिटी पर भी ऑब्जेक्शन किया था। केंद्रीय जल शक्ति मंत्रालय ने इस मामले पर राजस्थान की पूर्व सरकार के समय भी कई बार बैठक की, लेकिन मुख्यमंत्री या उनका कोई मंत्री बैठक में नहीं आया। यहां तक कि जब मध्यप्रदेश की मोहन यादव सरकार, भजनलाल सरकार और केंद्र सरकार ने संशोधित ईआरसीपी- पिकेसी लिंक प्रोजेक्ट पर एमओयू किया तो कांग्रेस में सन्नाटा छा गया, न ही गहलोत न ही किसी अन्य कांग्रेसी नेता ने इस पर टिप्पणी की। जो दर्शाता है कि ईआरसीपी इनके लिए सिर्फ चुनावी मुद्दा मात्र थी।
ईआरसीपी की सफलता को लेकर केंद्र जल शक्ति मंत्री एवं मुख्यमंत्री भजनलाल का अभिनन्दन
ईआरसीपी से जल प्रबंधन को लेकर सीएम सर का 5D फोकस देखने को मिला है। परियोजना के समझौते के बाद राजस्थान की जनता के लिए भागीरथ बने भजनलाल शर्मा ने केंद्रीय जल शक्ति मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत के साथ पीकेसी-ईआरसीपी लिंक प्रोजेक्ट से जुड़े बांधों का हवाई दौरा किया। राज्य के बहुप्रतिक्षित पार्वती-कालीसिंध-चंबल ईस्टर्न राजस्थान कैनाल प्रोजेक्ट में राजस्थान को 3677 मिलियन क्यूबिक मीटर पानी मिलेगा। इसके लिए एक माह में डीपीआर बनकर जल्द ही काम शुरू कर दिया जाएगा। प्रदेश के झालावाड़, बारां, कोटा, बूंदी, सवाई माधोपुर, गंगापुर सिटी, करौली, धौलपुर, भरतपुर, डीग, दौसा, अलवर, खैरथल-तिजारा, जयपुर, जयपुर ग्रामीण, कोटपूतली-बहरोड़, अजमेर, ब्यावर, केकड़ी, टोंक, दूदू जैसे 21 जिले इस परियोजना से लाभान्वित होंगे। मिस्टर सीएम सर के प्रयासों से साकार हुई ईआरसीपी राजस्थान के विकास और लोगों की खुशहाली में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगी।
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