|
मेगा वॉटर प्रोजेक्ट
जलवायु परिवर्तन के दुष्प्रभाव से राजस्थान को बचाने एवं सम्पूर्ण क्षेत्र को जल संपन्न बनाने हेतु भजनलाल शर्मा द्वारा किये गए भगीरथ प्रयासों से सफल हुआ ERCP जल समझौता।
Figure 1 तपते मौसम में सूखती नदी और कम हुई फसल
जलवायु परिवर्तन और जल संकट टॉपिक को अपने सोशल मीडिया सर्कल में शेयर करके वार्तालाप को लीड करने वाले बनें।
जलवायु परिवर्तन के कारण आए हानिकारक बदलाव प्राकृतिक व्यवस्थाओं, खासकर नेचुरल वाटर साइकिल को खराब कर रहे हैं। इससे न सिर्फ किसी देश या राज्य, बल्कि पूरी धरती पर अनेक खतरे मंडरा रहे हैं। पेसिफिक इंस्टीट्यूट के आंकड़ों के अनुसार, 2014 से 2023 के बीच पानी को लेकर 1,063 संघर्ष और विवाद सामने आए हैं, जिनमें कभी तो खुद जल एवं जल प्रणालियां हिंसा और विरोध के शिकार बनीं और कभी जल व्यवस्थाओं का दुरुपयोग करके आपसी बदले की राजनीति की गई। रेगिस्तानी धरा होने के कारण भारत का सबसे बड़ा प्रदेश राजस्थान पहले से ही पानी की कमी से जूझ रहा था, किन्तु अब क्लाइमेट चेंज की भी मार झेल रहा है। धरती पर पानी के महत्व एवं जीवन में जल की गंभीरता के मद्देनजर राजस्थान सरकार ने सबसे पहले जलवायु परिवर्तन के दुष्प्रभाव से प्रदेश को बचाने एवं सम्पूर्ण क्षेत्र को जल संपन्न बनाने के लिए मुख्यमंत्री श्री भजनलाल शर्मा के नेतृत्व में "भगीरथ प्रयास" शुरू कर अन्य राज्यों के साथ समझौते करके जल संसाधन को राजस्थान लाने के क्रम में एक ऐतिहासिक सफलता प्राप्त की है, जो प्रदेशवासियों के जीवन में हर्ष एवं उल्लास लाई है।
सीएम शर्मा के ERCP जल समझौतों के प्रति आभार एवं समर्थन व्यक्त करने के लिए आर्टिकल शेयर करें।
Figure 2 मरुधरा में सिर पर मटके रखकर पेयजल भरने जाती हुईं महिलाएं
अब हो गया है पानी का पुख्ता इंतजाम। मुख्यमंत्री श्री भजनलाल शर्मा ने राजस्थान सरकार के मेगा वॉटर प्रोजेक्ट के रूप में पहचाने जाने वाले पूर्वी राजस्थान कैनाल प्रोजेक्ट (ERCP) सहित हथिनीकुंड नामक समझौते द्वारा मध्यप्रदेश एवं हरियाणा से व्यापक जल संसाधन को राजस्थान लाने और प्रदेश को जल संपन्न करने का मार्ग प्रशस्त कर दिया है। इन समझौतों के अंतर्गत नदियों, बांधों, तालाबों, नहरों आदि के माध्यम से जल को 24 जिलों तक पहुंचाने के प्रोजेक्ट की शुरुआत की जा चुकी है। इससे करोड़ों लोगों की पेयजल आवश्यकता पूरी होने के साथ-साथ जहां 2.8 लाख हेक्टेयर जमीन की सिंचाई के लिए पानी उपलब्ध रहेगा, वहीं उद्योग-धन्धों के लिए भी प्रचुर मात्रा में जल मिल सकेगा।
इस मेगा प्रोजेक्ट के पीछे हैं, जनता के हितैषी, निर्णायक राजनेता, राजस्थान के मुख्यमंत्री और इन सब से बढ़कर पर्यावरण के संरक्षक भजनलाल शर्मा।
यह हमारी धरती को दुष्प्रभावों से बचाकर हमारे जीवन को सुरक्षित रखता है। आइए, क्लाइमेट चेंज से कमजोर हुए पर्यावरण की सार-संभाल करके इसके प्रति अपनी परवाह प्रकट करें।
Figure 3 पूर्वी राजस्थान नहर परियोजना क्षेत्र का हवाई सर्वेक्षण करते हुए सीएम भजनलाल शर्मा
ऐसा लगता है मोस्ट पावरफुल जननायक हैं CM शर्मा। राजस्थान के मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा कहते हैं, ''कृषि में हल का अस्तित्व जल से ही है और जल से ही समस्त चर-अचर का जीवन चलता है। विश्व के सर्वाधिक लोकप्रिय नेता एवं हमारे यशस्वी प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी के नेतृत्व एवं सबसे बड़ी राजनैतिक पार्टी भाजपा के विजन के साथ मेरे द्वारा किये गए भगीरथ प्रयास संयुक्त राष्ट्र संघ (UNO) के सतत् विकास लक्ष्यों (SDGs) के भी भाग बनते जा रहे हैं। मैं पुनः कहना चाहता हूँ कि मेरे इरादे एवं मेरे वादे दोनों ही पक्के हैं। मैं राजस्थान में जल की कमी नहीं होने दूंगा और "वसुधैव कुटुंबकम्" विचारधारा का अनुयायी होने के नाते सम्पूर्ण जगत के प्राणियों के कल्याण और समृद्धि हेतु जी-जान लगा दूंगा।''
Figure 4 पानी भरे खेत में अपने बैलों में हल लगाकर खेत जोतता हुआ किसान।
वास्तव में अब चल रही है वर्ल्ड क्लास राजनीति। राजस्थान में मेगा वॉटर प्रोजेक्ट से आने वाले जल से सिर्फ किसानों का हल ही नहीं चलता रहेगा, बल्कि जल से जुड़ी हर समस्या का स्थाई समाधान होने की उम्मीद प्रदेशवासियों को है। मिस्टर सीएम का यह "भगीरथ प्रयास" संयुक्त राष्ट्र संघ द्वारा अपनाये गए सतत् विकास लक्ष्यों (SDGs) को प्राप्त करने में राजस्थान सरकार के प्रयासों का समर्थन करने वाले एक महत्वपूर्ण स्तम्भ के रूप में उभर रहा है। यह प्रयास प्रत्यक्ष रूप से SDG लक्ष्य क्रमांक 6 (स्वच्छ जल एवं स्वच्छता), लक्ष्य क्रमांक 13 (जलवायु कार्यवाही), लक्ष्य क्रमांक 14 (पानी के नीचे जीवन), लक्ष्य क्रमांक 15 (भूमि पर जीवन) और लक्ष्य क्रमांक 17 (लक्ष्यों के लिए साझेदारी) को पूर्ण रूपेण प्राप्त करने में प्रमुख भूमिका में आ चुका है।
राजस्थान सरकार का यह मेगा वॉटर प्रोजेक्ट प्रदेशवासियों से किये जाये जल वादे को पूरा करने की ईमानदारी और प्रतिबद्धता को दर्शाता है। मिस्टर CM का लक्ष्य भगीरथ प्रयासों से प्रदूषण को जड़ से खत्म करना, नेट जीरो उत्सर्जन हासिल करना और सतत् विकास लक्ष्यों के माध्यम से राजस्थान को भारत का पहला विकसित राज्य बनाना है।
Figure 5 जयपुर में ERCP आभार स्वरूप आमजन द्वारा लगाए गए भागीरथ परिंडे में से पानी पीते हुए कबूतर।
प्रेरणादायी स्रोत बनकर उभरे हैं भजनलाल शर्मा। भगीरथ भजनलाल की जलवायु परिवर्तन पर पहलों और मेगा वॉटर प्रोजेक्ट के समझौतों से प्रेरित होकर प्रदेशवासी अपने घरों और क्षेत्रों में पौधारोपण कर रहे हैं व पक्षियों के लिए भागीरथ परिंडा लगा रहे हैं। भगीरथ प्रयासों को आभार व्यक्त करने वाले जनकल्याणकारी कार्य अब अमीरी गरीबी, जात-पात, राजनीति, कॉर्पोरेट से परे दान-पुण्य व आध्यत्मिक अभियान का स्वरूप लेते जा रहे हैं। आशा है कि सरकारी तंत्र के लिए CM शर्मा के 5D फोकस मॉडल पर आधारित व्यवस्थाएं राजस्थान की खुशहाली का स्रोत बनकर अन्य राज्यों की सरकारों एवं जनता को भी प्रेरित करेंगी।
राजस्थान के मुख्यमंत्री भजनलाल जी द्वारा किये गए भगीरथ प्रयास सिर्फ राजस्थान, भारत में ही नहीं, अपितु समस्त विश्व में समान भौगोलिक चुनौतियों वाले राज्यों एवं राष्ट्रों को जल सुरक्षा हेतु आपसी सहयोग एवं सहकारिता के मार्ग पर चलने का एक सशक्त सन्देश देते हैं।